Edit Lyric - Lyricshot
Feature Note:
After successfully editing the lyric, we will review your submission. The review process may take up to one week.
Current Song
Muskaanein Jhooti Hai
Suman Sridhar
Your Name
*
Lyric Content
*
रात में ही जागते हैं ये गुनाहों के घर इनकी राहें खोलें बाँहें जो भी आए इधर ♪ ये है गुमराहों का रास्ता मुस्कानें झूठी हैं पहचानें झूठी हैं रंगीनी है छाई फिर भी है तन्हाई कल इन्हीं गलियों में, इन मसली कलियों में तो ये धूम थी जो रूह प्यासी है, जिसमें उदासी है वो है घूमती सबको तलाश वही समझे ये काश कोई ♪ ये है गुमराहों का रास्ता मुस्कानें झूठी हैं पहचानें झूठी हैं रंगीनी है छाई फिर भी है तन्हाई हल्के उजालों में हल्के अँधेरों में जो इक राज़ है क्यूँ खो गया है वो? क्या हो गया है कि वो नाराज़ है? ऐ रात, इतना बता तुझको तो होगा पता ♪ ये है गुमराहों का रास्ता मुस्कानें झूठी हैं पहचानें झूठी हैं रंगीनी है छाई फिर भी है तन्हाई मुस्कानें झूठी हैं पहचानें झूठी हैं रंगीनी है छाई फिर भी है तन्हाई
Minimum 10 characters required
Submit Lyric Edit
Return to Lyric Page